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सड़क यातायात द्रुतगामी व सुगम होना चाहिए।
हमारे देश में जनसंख्या काफी अधिक है । मानव जीवन संचालन के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवश्यक रुप से आता जाता है । हमारे यहॉं यातायात के साधनों में रेल, सड़के, सागर एवं आकाश मार्ग प्रमुख हैं । लेकिन सबसे ज्यादा रेल यातायात का उपयोग किया जाता है क्यों कि यह सस्ता एवं सुगम है । हमारे देश में रेल यातायात की बात करें तो रेल की पटरी का विस्तार उस मात्रा में नहीं हो पाया है जिसकी आज आवश्यकता है । पुरानी व वर्तमान रेल पटरियों में अधिक से अधिक रेल गाडि़यों का संचालन होता है और कभी कभी भंयकर दुर्घटनाऍं भी होती हैं जिनमें जन व धन की अपार हानि होती है ।
जहॉं तक सड़क यातायात की बात करें तो वहॉं की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है । आज भी यात्री अपने को सुरक्षित नहीं महसूस करता है । यही कारण है कि आज रेल गाडि़यां भी यात्री ढोने की क्षमता से अधिक यात्रियों को वेटिंग लिस्ट में ढो रही हैं । लम्बी दूरी की सड़क यात्रा भी प्राय: कष्टप्रद होती है लेकिन अब समय आ गया है जबकि सरकार निजी व पब्लिक पार्टनरशिप में अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कें निर्मित करवाए तथा आवासीय रेस्टोरेंट एवं आराम गृह भी बनवाए जाऍं जहॉं पर यात्री को जलपान-खानपान व आवासीय सुविधाऍं सुरक्षित रुप से उपलब्ध हों । लम्बी दूरी की मोटर बसें व शयनयान बसे उपलब्ध करवाई जाएं तथा यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचने के लिए विकल्प के रुप में मौजूद हों । अगर इस क्षेत्र में पूरी निष्ठा के साथ कार्य किया जाए तो देश की काफी बेरोजगार की समस्या स्वत: ही समाप्त हो सकती है । इस कार्य के लिए बिना किसी राजनीति के केंद्र – राज्य सरकारें, निजी व पब्लिक भागीदारी सुनिश्चित करके तय की जा सकती है और इसका लाभ जनता व देश दोनों को मिलेगा । सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास भी हो सकेगा ।
हालांकि सरकार ने अभी कुछ समय पूर्व हावड़ा इलाहाबाद जल मार्ग को विकसित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं जिसका उपयोग माल ढोने के लिए किया जाएगा । निश्चित ही यह कदम स्वागत एवं अभिनंदनयोग्य है । हमारे यहॉं जल मार्ग का न के बराबर उपयोग हुआ है । इस क्षेत्र में असीम संभावनाऍं हैं । उत्तर में गंगा नदी तथा दक्षित में काबेरी कृष्णा आदि नदियॉं जल मार्ग के रुप में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह कर सकती हैं । आधुनिक तकनीकी व सुरक्षा के मानदंडों से लैस बोट, स्टीमर व छोटे छोटे जहाजों के माध्यम से यात्रियों एवं सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है तथा नैसर्गिक सौंदर्य के करीब से दर्शन भी हो सकते हैं ।
केंद्रीय सरकार की पहल स्वागत योग्य है कि पूर्ब पश्चिम रेल कोरिडोर के निर्माण की प्रकिया गति से आगे बढ़ रही है । इसके तैयार होने पर तीब्रगति से व सुरक्षित रुप से माल का लदान हो सकेगा । तीब्रगति वाली बुलेट ट्रेन के सपने को भी साकार होने में अभी कुछ समय जरुर लगेगा लेकिन यह अपने साथ विकास की एक ऐसी क्रांति लाएगी कि यातायात व्यवसाय लाभप्रद हो जाएगा । बिजली, जलापूर्ति, कलपुर्जे एवं अन्य खाद्य सामग्री का मार्ग में सुलभता के साथ उपलब्ध करवाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन अगर देश का प्रत्येक नागरिक यह सुनिश्चित कर ले कि हम देश के विकास में जितना भी हो सकेगा अपना महत्वपूर्ण योगदान करेंगे तो हमारी सरकार भी दुगुनी गति से विकास कार्य को निष्पादित कर सकती है ।
जहॉं तक वायुमार्ग का प्रश्न है । यह अभी अमीर घरानों की बात है । आम या मध्यम परिवार का व्यक्ति वायुमार्ग की यात्रा नहीं कर सकता क्योंकि यह अभी काफी महगी है । वायुमार्ग की यात्रा प्राय: देश के बड़े बड़े नगरों तक ही सीमित है । इसका विस्तार मध्यम श्रेणी के नगरों तक किया जाए तथा हवाई पटटी का निर्माण भी किया जाए । यातायात की ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि किसी भी यात्री को बेटिंग टिकट लेना ही न पड़े और अनेको विकल्प उचित कीमतों में उपलब्ध होने चाहिए । जब यह स्थित आएगी तब देश का प्रत्येक निवासी यह कह सकेगा कि हम विकास के युग में सांस ले रहे हैं तथा विकास में अहम भागीदारी निभा रहे हैं ।
हमारा देश युवाओं का देश है । युवा शक्ति विकास की द्योतक होती है । अंतरराष्ट्रीय जगत भी भारत की ओर लालायित हो रहा है । विदेशी निवेश का एक सकरात्मक माहौल पैदा हुआ है । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थित एक गौरवमयी बन रही है । हमें इस सुअवसर को अपने पक्ष में ढालना होगा और विकास की ओर अभिमुख करना होगा ।
आइए, हम सभी ऐसी आशा करते हैं कि निकट भविष्य में भारत एशिया महाद्वीप की एक महान शक्ति के रुप में उभर कर एक मैत्रीपूर्ण परिवेश का निर्माण करेंगा जोकि पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय होगा ।
– राजीव सक्सेना
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