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सुरक्षा अपनाओ – खुशियॉं पाओ ।
हर जगह, हर दिशा में,
असुरक्षा का दौर चल रहा है,
मानव सिसक सिसक रो रहा
मिलों, कारखानों में भी
सुरक्षा कंपित होने लगी है,
हर पल, हर क्षण, छटपटाकर
अब जिंदगी बिखरने लगी है,
शीघ्रता,शॉटकट और उल्लंघन का
नशा हम सभी में पनपने लगा है,
सुरक्षा, उपकरण, व प्रक्रिया
अब डगमगाने लगी है,
हैलमेट,सुरक्षा बैल्ट एवं पीपीई की
अनदेखी से दुर्घटना अंग लगी
सुरक्षा घरों से लुटने लगी है,
यातायात भी असुरक्षित हो रहे
सड़कें खून से लथपथ दिख रहीं
प्रगति की दौड़ में हम
हॉंप हॉप कर जी रहे हैं ।
समय की ललक है यारो
हंसते परिजनों को और ना रुलाओ
समर्पण,सुरक्षित प्रोसेस एवं मानकी उपकरणों
को अपनाकर कर्म कर ध्येय बनाओ
हर क्षेत्र, हर स्थिति में सुरक्षा नियमों को
कभी ना भुलाओ, कभी ना भुलाओ,
स्वयं जीओ और दूसरों को जीने दो
सुरक्षा व संरक्षा से जीवन सजाओ
दूसरों को सुरक्षा हेतु प्रेरित कर जाओ
एक सुरक्षित समाज अपनाओगे
सदैव जीवन में खुशियॉं ही पाओ
और राष्ट्र को सुरक्षित व संरक्षित बनाओ ।
– राजीव सक्सेना
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