samras
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विश्व हिंदी सम्मेलन का आगाज हो रहा है,
हिंदुस्तान की वाणी को आकार मिल रहा है।
भाषा सभ्यता एवं संस्कृति की वाहक हो रही है,
विश्व पटल पर वैज्ञानिकता को मात दे रही है।
जब तक हम भाषा के प्रति समर्पित नहीं होंगे,
तब तक भाषा हमें उत्कर्ष तक नहीं पहूुचाएगी।
भाषा के फूल को खिलाऍं, सुगंध को फैलाऍं,
पूरे विश्व को हिंदी भाषा का गौरव बताऍं ।
देश विदेश में हिंदी की लता पता फैलेगी,
निश्चित ही हिंदी और प्यारी हो पनपेगी।
हर घर, हर आंगन हिंदीमय हो जाएगा,
सारा जहॉं हिंदी से प्यारा हो जाएगा ।
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